LITTLE KNOWN FACTS ABOUT सफलता के लिए क्या करें.

Little Known Facts About सफलता के लिए क्या करें.

Little Known Facts About सफलता के लिए क्या करें.

Blog Article

पंचतंत्र की कहानी: घंटीधारी ऊंट – ghanti dhari unt

उन्होंने गाँधी जी को संकेत कर बगल वाले छात्र से नक़ल कर वर्तनी ठीक लिखने को कहा. किन्तु गाँधी जी ऐसा कहाँ करने वाले थे.

जीवन के अद्भुत रहस्य गुरू गौर गोपाल दास

“जब कोई हमें ठेस पहुँचाता है तो हमें इसे रेत में लिख देना चाहिए जहाँ क्षमा की हवाएँ इसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे पत्थर में उकेरना चाहिए, जहां कोई हवा उसे मिटा नहीं सकती। ”

“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई।”

थोड़ी दूर आगे चलने पर व्यक्ति को एक वृद्ध मिला जिसकी गाड़ी पूरी तरह कीचड़ में फस चुकी थी और उसका निकलना मुश्किल सा हो गया था, व्यक्ति की हिष्ट-पुष्ट शरीर को देखकर उस बुजुर्ग ने उसे आवाज लगाया, बेटा क्या तुम मेरे गाड़ी को कीचड़ से निकालने में मेरी मदद करोगे।

"चौकीदार ने सारी बातें बता दीं। शास्त्री जी ने कहा, "क्या तुम देख नहीं रहे हो कि उनके सिर पर कितना बोझ है?यदि यह निकट के मार्ग से जाना चाहती हैं तो तुम्हें क्या आपत्ति है? जाने क्यों नहीं देते? जहाँ सहृदयता हो, दूसरों के प्रति सम्मान भाव हो, get more info वहाँ सारी औपचारिकताएँ एक तरफ रख कर वही करना चाहिए जो कर्तव्य की परिधि में आता है।"

और यह भी बताएं की दीपक के नीचे अंधेरा क्यों होता है ?

महात्मा गाँधी के जीवन से जुड़े बहुत ही अच्छे इंफॉर्मेशन आपने शेयर की है। धन्यवाद

गाँधी जी की बात सुनकर आनंद स्वामी को अपनी गलती का अहसास हुआ. उन्होंने उस आम आदमी से इस बात को लेकर माफ़ी मांगी.

Just after various years baking during the night time although working in my Business during the day, I chose to go ahead and take leap and go entire-time with it. That was five years in the past and I never appeared back! Given that then, the organization has grown drastically! It had been clearly the top selection for me mainly because it faucets right into a creative and entrepreneurial facet of me that had previously been unfulfilled. The included reward is I’m ready to be dwelling for my Youngsters daily if they appear house from college!”

अपने मन और आत्मा में प्रेरक ऊर्जा भरने तथा अपने जीवन को सहीं दिशा देने के लिए यह लेख पढ़ें –

तेनालीराम और लाल मोर – तेनालीराम की कहानी

महामंत्री को राजा का आदेश हर स्थिति में पूर्ण करना था. इसलिए उसने भगवान विष्णु की प्रतिमा निर्मित करने का कार्य गाँव के एक साधारण से मूर्तिकार को सौंप दिया.

Report this page